इस बार रक्षाबंधन पर है ऐसा शुभ संयोग; किस मुहूर्त में भाईयों को राखी बांध सकेंगी बहनें, क्या इस साल भी है भद्रा का साया? जानिए

Raksha Bandhan Shubh Muhurat Time 2025 Bhadra Ka Saya
Raksha Bandhan Muhurat 2025: इस साल 2025 में रक्षाबंधन कब है? ये तो आप जानते ही होंगे। अगर नहीं पता तो अब जान ही जाएंगे। हर साल श्रावण मास की पूर्णिमा को रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जाता है. इस बार देशभर में 9 अगस्त 2025 को रक्षाबंधन का त्योहार खूब धूमधाम से मनाया जाएगा। ये त्योहार भाई-बहन के प्रेम भरे पवित्र रिश्ते को और मजबूत बनाता है। इस दिन बहनें अपने भाईयों की कलाई पर राखी बांधती हैं। बहनों को भाई की कलाई पर राखी बांधने के लिए सालभर इस दिन का इंतजार रहता है।
इस बार रक्षाबंधन पर है ऐसा शुभ संयोग
ज्योतिष अनुसार इस बार रक्षाबंधन का त्योहार (Raksha Bandhan 2025) बेहद खास होने वाला है। बताया जाता है कि इस बार रक्षाबंधन पर भद्रा का साया नहीं रहेगा। इस बार भद्रा का साया 8-9 की मध्य रात्रि रहेगा, जो कि सूर्योदय से पहले ही समाप्त हो जाएगा। जिस वजह से बहनें रक्षाबंधन को पूरा दिन ही अपने भाईयों को राखी बांध सकेंगी। यानि सुबह से रात तक बहनें अपने भाईयों को राखी बांध सकती हैं।
दरअसल, पिछले 3 साल में भद्रा के चलते (Raksha Bandhan Bhadra Ka Saya) राखी बांधने के लिए कभी दोपहर तक तो कभी देर शाम और रात तक राखी बांधने का इंतजार करना पड़ा था। लेकिन इस बार राखी बांधने के लिए पूरा दिन शुभ रहेगा। भाई-बहन के इस त्योहार में भद्रा का दोष अधिक माना जाता है। भद्रा का साया रहने के दौरान बहनें भाईयों को राखी नहीं बांधती हैं। उन्हें भद्रा का साया खत्म होने का इंतजार करना पड़ता है।
रक्षाबंधन शुभ मुहूर्त 2025
अब वैसे तो भद्रा का साया न होने के चलते पूरा दिन ही बहनें भाईयों को राखी बांध सकेंगी लेकिन रक्षाबंधन के दिन राखी बांधने का सबसे शुभ समय और मुहूर्त (Raksha Bandhan Shubh Muhurat) क्या रहेगा? यह भी जान लेते हैं। रक्षाबंधन के दिन राखी बांधने का सबसे शुभ समय सुबह 06:18 से दोपहर 01:24 बजे तक माना जा रहा है। यानी इस दिन राखी बांधने के लिए शुभ मुहूर्त के तौर पर पूरे 7 घण्टे से ज्यादा का समय मिलेगा।
रक्षाबंधन का महत्व
सनातन हिन्दू वैदिक धर्म में रक्षाबंधन का विशेष महत्व (Raksha Bandhan Ka Mahatva) है। ये त्योहार भाई-बहनों के बीच के प्यार और सम्मान को दर्शाता है। इस दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधकर ईश्वर से उनकी लंबी आयु के लिए प्रार्थना का करती हैं। बदले में, भाई अपनी बहनों को उपहार भेंट करते हैं और उनकी रक्षा का वचन देते हैं। ये त्योहार भाई-बहन के प्रेम भरे पवित्र रिश्ते को और मजबूत और अटूट बनाता है।